झारखण्ड

34,560 ग्राम पंचायत सीटें जीत कर अजेय बढ़त की ओर टीएमसी, ममता ने जनता को धन्यवाद दिया

पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस हिंसा से प्रभावित पंचायत चुनाव में भारी जीत की ओर अग्रसर दिख रही है. अभी तक हुई मतपत्रों की गिनती के बाद घोषित परिणामों में उसे भारी बढ़त के संकेत मिल रहे हैं. पार्टी को बढ़त से उत्साहित मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया इस चुनाव ने साबित कर दिया है कि केवल तृणमूल ही राज्य के लोगों के दिल में रहती है.     

भाजपा ने 9,621 सीटों  पर जीत दर्ज की है

पश्चिम बंगाल में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव के बाद मंगलवार सुबह से मतगणना जारी है. राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) के अनुसार, बुधवार पूर्वाह्न 11 बजे तक सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने 63,229 ग्राम पंचायत सीटों में से 34,560 पर जीत दर्ज कर ली है जबकि अन्य 705 पर उसके उम्मीदवार आगे हैं. एसईसी की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 9,621 सीट पर जीत दर्ज की है और 169 पर उसके उम्मीदवार आगे हैं. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) ने 2,908 सीट पर जीत दर्ज की है और 86 ग्राम पंचायत सीटों पर आगे है. कांग्रेस ने 2,515 ग्राम पंचायत सीटों पर जीत दर्ज की तथा 71 अन्य पर आगे है.

टीएमसी  ने पंचायत समिति की 9,728 सीटों में से 6,228 सीटें जीती

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रस ने पंचायत समिति की कुल 9,728 सीट में से 6,228 अपने नाम की, जबकि 218 सीट पर आगे है. भाजपा ने 960 सीट जीती तथा 50 सीट पर आगे है, जबकि माकपा ने 171 सीट जीती व 13 अन्य सीट पर बढ़त हासिल की है और कांग्रेस ने 254 सीट अपने नाम की और नौ पर उसके उम्मीदवार आगे हैं.

वहीं तृणमूल ने जिला परिषद की कुल 928 सीट में से 592 अपने नाम कर ली है और अन्य 188 सीट पर आगे है. भाजपा ने 18 सीट जीती और नौ सीट पर आगे है. माकपा ने दो सीट जीती व एक अन्य पर आगे है, जबकि कांग्रेस ने छह सीट अपने नाम की और सात पर उसके उम्मीदवार आगे हैं.

केवल तृणमूल ही राज्य के लोगों के दिल में बसती है

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को बढ़त के लिए पश्चिम बंगाल के लोगों को धन्यवाद दिया था. बनर्जी ने एक बयान में कहा, ‘‘मैं तृणमूल कांग्रेस के प्रति लोगों के प्यार, स्नेह और समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद देना चाहती हूं. इस चुनाव ने साबित कर दिया है कि केवल तृणमूल ही राज्य के लोगों के दिल में बसती है.

मत पेटियां लूटी गयीं, मतपत्रों में आग लगायी गयी

सभी दल 2024 लोकसभा चुनाव से पहले इन चुनाव के जरिए देश के इस हिस्से में संसदीय चुनाव में जनता के संभावित रुख को जानने का प्रयास कर रहे थे. पश्चिम बंगाल में आठ जुलाई को हुए पंचायत चुनाव में व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी जिसमें 15 लोगों की मौत हो गयी. मतदान के दौरान मत पेटियां लूटी गयीं, मतपत्रों में आग लगायी गयी और कई स्थानों पर बम भी फेंके गए. शनिवार को चुनाव में 80.71 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि सोमवार को राज्य के जिन 696 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान हुआ, वहां शाम पांच बजे तक 69.85 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया.

चुनाव शारीरिक ताकत दिखाने का जरिया नहीं हैं : राज्यपाल 

हिंसा और मतपेटियों से छेड़छाड़ की खबरें आने के बाद कुछ मतदान केंद्रों पर फिर से मतदान कराने का फैसला किया गया था. हिंसा में जान गंवाने वाले 15 लोगों में से 11 तृणमूल कांग्रेस से संबद्ध थे. राज्य में आठ जून को चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद से हुई हिंसा में 30 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है. हिंसा पर रिपोर्ट देने के लिए दिल्ली पहुंचे राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा, ‘राजनीतिक दलों को यह समझना चाहिए कि चुनाव शारीरिक ताकत दिखाने का जरिया नहीं हैं.

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